आओ आज गणतंत्र दिवस पे सब मिलके ये कसम खाएं
विचारों में हो चाहे मतभेद परन्तु दिल से दिल अवश्य मिलाएं
कोई भी हो पार्टी के आप, कम से कम इस दिन तो देश के हो जायो
छोड़ो ये सब मतभेद निशानों के, सब मिल के खूब चाय पकोरे बनाओ
पकोरे बनाने वाले भी है मेहनतकश इंसान, एक इज्ज़त दार समुदाय
अगर किसी ने उनकी बड़ाई कर दी, तुम क्यों दे रहे उनका दिल दुखाये
आओ इस दिन मिलके सब काम करने वालों का करें गुणगान और जयगान
हम सबसे ऊपर हैं वो इस देश के अधिकारी, हम सब उनका करें सम्मान
ये राष्ट्र है सब धर्मों को बराबरी का अधिकार देने वाला, ऐसा और ना होगा
हम तो गलत लोगों को भी सम्मान देते हैं, पहना हो अगर उन्होंने धर्म का चोगा
यही है इस देश की महानता, केवल उच्च शिक्षा वाले ही नहीं उच्च पद पाते
यहाँ तो जो भी मेहनत करे, चाय बेचे या बनाये पकोरे, वो भी ऊचाई छू जाते
हम विदेशियों को भी लेते हैं अपना, उन्हें भी देते हैं अपनापन पूरा का पूरा
हम तो हर रिश्ता मुकम्मल करते हैं, बहू हो या मेहमान, नहीं छोड़ते अधुरा
तो चलो सब मतभेद भूल कर इस दिन एक देश की तरह सोचें और विचारें
तो संगीत बन जाये मेरा देश, हो जाएँ एक सब वादन, गिटार या सितारें
जय हिन्द